प्राचीन भारतीय मनीषा के सन्दर्भ यह स्थापित सत्य है की नाद योगी ब्रह्माण्ड के सत्य खंगाल डालते हैं। नाद की साधना का व्यवहारिक जीवन में योगदान कुछ साधना करने वाले साधक को स्वयं ही ज्ञात होने लगता है। भीतर का समन्वय और शांति कुछ साधना उपरांत ही अनुभव में आने लगते हैं। और भी बहुत कुछ अनुभव में आता चला जाता है। सभी कुछ साधक के इस साधना के प्रति समर्पित भाव से किए गए परिणाम स्वरूप ही हस्तगत होता है।